Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2024 · 1 min read

व्यथा हमारी दब जाती हैं, राजनीति के वारों

जन जन के पीड़ा को मन ने गंतव्य निधि में पाया हैं
वाम पंथ धर्म अपनाते नेताओं को हमने पाया हैं
सहादत पर वोट मांगते, जनता के दरबारों से
व्यथा हमारी दब जाती हैं राजनीति के वारों से

शीत पवन के हलकोरे में, बम का धुआँ उड़ता हैं
प्रहरी के धमनी-धमनी में, जोश भाव उमड़ता हैं
दो हफ्ते तक हमें जगाती, अमर बलिदानी नारों से
व्यथा हमारी दब जाती हैं, राजनीति के वारों

Language: Hindi
1 Like · 81 Views
Books from Er.Navaneet R Shandily
View all

You may also like these posts

हिन्दी पहचान
हिन्दी पहचान
Seema gupta,Alwar
त्यौहारों का संदेश!
त्यौहारों का संदेश!
Jaikrishan Uniyal
लिवाज
लिवाज
उमेश बैरवा
जीते हैं शान से
जीते हैं शान से
Sudhir srivastava
बोलना खटकता है ! दुनिया को खामोश हुआ, जबसे, कोई शिकवा नहीं ।
बोलना खटकता है ! दुनिया को खामोश हुआ, जबसे, कोई शिकवा नहीं ।
पूर्वार्थ
** बहुत दूर **
** बहुत दूर **
surenderpal vaidya
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Shashi Dhar Kumar
*जीवन उसका ही धन्य कहो, जो गीत देश के गाता है (राधेश्यामी छं
*जीवन उसका ही धन्य कहो, जो गीत देश के गाता है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
आभासी खेल
आभासी खेल
Vivek Pandey
रुकती है जब कलम मेरी
रुकती है जब कलम मेरी
Ajit Kumar "Karn"
Orphan's Feelings
Orphan's Feelings
Shyam Sundar Subramanian
एक दिये का कमाल
एक दिये का कमाल
MEENU SHARMA
सुनहरी उम्मीद
सुनहरी उम्मीद
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
शीर्षक- तुम बनाओ अपनी बस्ती, हमसे दूर
शीर्षक- तुम बनाओ अपनी बस्ती, हमसे दूर
gurudeenverma198
तेवरी तथाकथित सौन्दर्य की पक्षधर नहीं +विजयपाल सिंह
तेवरी तथाकथित सौन्दर्य की पक्षधर नहीं +विजयपाल सिंह
कवि रमेशराज
शब्द सुनता हूं मगर मन को कोई भाता नहीं है।
शब्द सुनता हूं मगर मन को कोई भाता नहीं है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
समुद्रर से गेहरी लहरे मन में उटी हैं साहब
समुद्रर से गेहरी लहरे मन में उटी हैं साहब
Sampada
वसुधैव कुटुंबकम्
वसुधैव कुटुंबकम्
Paras Nath Jha
माॅर्डन आशिक
माॅर्डन आशिक
Kanchan Khanna
वीर बाल दिवस
वीर बाल दिवस
ललकार भारद्वाज
जंगल बियाबान में
जंगल बियाबान में
Baldev Chauhan
काह कहों वृषभानु कुंवरि की
काह कहों वृषभानु कुंवरि की
Mahesh Tiwari 'Ayan'
2904.*पूर्णिका*
2904.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
_______ सुविचार ________
_______ सुविचार ________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मासूमियत की हत्या से आहत
मासूमियत की हत्या से आहत
Sanjay ' शून्य'
🙅बड़ा सच🙅
🙅बड़ा सच🙅
*प्रणय*
ज़िंदा रहे यह देश
ज़िंदा रहे यह देश
Shekhar Chandra Mitra
उठाये जो तूने जख्म पहले उन्हें अब मात देना चाहता हूं,
उठाये जो तूने जख्म पहले उन्हें अब मात देना चाहता हूं,
Aman Thapliyal
गलतफहमियां
गलतफहमियां
Kshma Urmila
सूत जी, पुराणों के व्याख्यान कर्ता ।।
सूत जी, पुराणों के व्याख्यान कर्ता ।।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...