वो
क़रीब क़रीब सब बेक़रार थे
सब उसके ही तलबगार थे
उसने एक इशारा ही किया
पल भर में सब तैयार थे
मेरी तो किसी ने भी न सुनी
सबके अपने ज़िक्र ए-यार थे
जवाब एक मगर मिला सबको
सवाल तो जबकि बेशुमार थे
अजय मिश्र
क़रीब क़रीब सब बेक़रार थे
सब उसके ही तलबगार थे
उसने एक इशारा ही किया
पल भर में सब तैयार थे
मेरी तो किसी ने भी न सुनी
सबके अपने ज़िक्र ए-यार थे
जवाब एक मगर मिला सबको
सवाल तो जबकि बेशुमार थे
अजय मिश्र