“वो शख़्स”
पल मेँ सदियों का,कोई यूँ हिसाब कर देगा,
मुझको बेताब, रुख़े-माहताब कर देगा।
ज़हन में अब भी हैं, ताज़ा, शरारतें उसकी,
अपनी हरकत से,मुझे दिल-ए-शाद कर देगा।
भूल बैठा हूँ, कई ग़लतियों को मैँ अपनी,
कुछ पशेमाँ हूँ, मुझे आबो-आब कर देगा।
नज़रे-दहराँ मेँ भले, वो है गुनहगार मगर,
दिखा के आइना, वो शर्मसार कर देगा।
अभी ताज़ा है ज़हन मेरे, तबस्सुम उसका,
सुना के दास्ताँ, वो दीदे-आब कर देगा।
राब्ते कितने सँजोये हैं, दौर-ए-फ़ुरक़त,
कितने रिश्तों को, पल में तार-तार कर देगा।
याद है अब भी मुझे, हुनरे-गुफ़्तगू उसका,
आँखों-आँखों मेँ ही,वो दिल की बात कह देगा।
भले है इन्तज़ार, सहरो-शब,मुझे उसका,
आके यकबारगी, वो बेज़ुबान कर देगा।
अश्क़े-सैलाबे-रवाँ-तूल-ए-हिजराँ “आशा”,
मिल के इक शख़्स, मुझे लाजवाब कर देगा..!
बेताब # अधीर, impatient
रुख़े-माहताब # चाँद सा ख़ूबसूरत चेहरा,a face,as beautiful as moon
दिल-ए-शाद # हृदय से प्रसन्न, cheerful by heart
पशेमाँ # लज्जित, embarrassed
आबो-आब # पानी-पानी, ashamed
नज़रे-दहराँ # सँसार की दृष्टि में,in the eyes of world
तबस्सुम # मनमोहक मुस्कान,pleasant smile
दीदे-आब # आँखों मेँ आँसू आ जाना,tear laden eyes
राब्ते # सम्बन्ध,relationships
दौर-ए-फ़ुरक़त # वियोग-काल मेँ, during period of separation
हुनरे-गुफ़्तगू # वाक्पटुता,tact of conversation
सहरो-शब # दिन-रात,day and night,everytime
यकबारगी # अकस्मात,all of a sudden
अश्क़े-सैलाबे-रवाँ # आँसुओं की बाढ़ आ जाना, flood of tears
तूल-ए-हिजराँ # लम्बे वियोग मेँ,a long period of separation
By-
Dr asha kumar rastogi
M.D.(Medicine),DTCD Ex.Senior Consultant Physician,district hospital, Moradabad. Presently working as Consultant Physician and Cardiologist,sri Dwarika hospital,near sbi Muhamdi,dist Lakhimpur kheri(U.P.)262804
Mob 9415559964