वो शख्स लौटता नहीं
वो शख्स लौटता नहीं,जो एकबार बदल जाये।
इंतज़ार करती बिरहन,घने होते हैं ग़म के सारे।
इज्तिराब ए शौक की क्या बात हम कहें तुम्हें
मुस्लसल उसके आने की,आहट दिल सुनाये।
बाबस्ता उस शख्स से हो ही जाती है धड़कन
एहसास ए इश्क़ कर दे , खुद को भी पराये।
राह तकते तकते पत्थर, हो जाये ये वो आंखें
जाने कितने इन्होने, उम्मीद के दीये जलाये।
होते हैं इश्क़ के लिए कुछ खास दिल मख्सूस
हर सांस कहती,शायद वो अब भी लौट आये ।
सुरिंदर कौर