वो लिखती है मुझ पर शेरों- शायरियाँ
खुद से खुद का हिसाब रखने लगा हूँ,
सर पे उसका खुमार रखने लगा हूँ।
वो लिखती है मुझपर शेरो-शायरियाँ
मैं ये जान कर भी उसकी किताब रखने लगा हूँ।
वो मुझसे कितनी मोहब्बत करती है, ये उसकी बातों में बयान है,
पर मैं उससे इश्क क्यों नहीं कर मैंने किया ऐसा क्या गुनाह है।
मैं उसके करीब रहना भी चाहता हूँ और उसे खुद से दूर भी रखना चाहता हूँ
या खुदा तू ही बता, ये मुझे क्या हो गया है।।
वो लड़की आज भी सिर्फ मुझसे मोहब्बत करती है,
मुझमें ऐसा क्या है जो वो मुझपर इतना मरती है।
पर मैं उसका नहीं हो सकता ये बात समझ कर थक गया मैं
पर वो पागल सी लड़की ना जाने क्यों नहीं समझती है।।