वो “मौत” जो अपने साथ लेकर जाएगी !!!
अँधेरे में जो बैठे हैं
नजर उन पर भी कुछ डालो
अरे…ओ …रौशनी वालो
सही है…न…
जिन्दगी में उजाला होना जरूरी है
जिन्दगी का खुश रहना जरूरी है
जिन्दगी में मस्त रहना जरूरी है
न जाने कब अँधेरा कर जाएगी ?
जिदगी बेवफा है समझते हैं सब
जिदगी किसी की मोहताज नहीं , मानते हैं सब
जिदगी उधार मिली हुई है .कबूलते हैं सब
न जाने कब मुख मोड़ लेगी ??
जिदगी में प्यार बना कर रखो
जिदगी का ऐतबार बना के रखो
जिदगी का साथ निभा कर चलो
न जाने कब सता देगी यह ???
जिन्दगी , बस जिन्दगी ही तो है
न किसी की हुई है, न किसी की रहेगी
महबूबा तो अपनी..एक ही जानो यारो
वो “मौत” जो अपने साथ लेकर जाएगी !!!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ