“वो माँ है “
मुझ तक आती हर बद्दुआ को बे-असर किया है।
जागते-सोते हर घड़ी मेरी ही तो फिकर किया है।
हम न होते गर उसके आँचल की छाँव न होती,
वो ‘माँ’ है उसने हर दुआ में मेरा जिकर किया है।
-शशि “मंजुलाहृदय”
मुझ तक आती हर बद्दुआ को बे-असर किया है।
जागते-सोते हर घड़ी मेरी ही तो फिकर किया है।
हम न होते गर उसके आँचल की छाँव न होती,
वो ‘माँ’ है उसने हर दुआ में मेरा जिकर किया है।
-शशि “मंजुलाहृदय”