वो पुरानी सी दीवारें
#वो पुरानी सी दीवारें
जब कभी देखता हूँ
सुनसान वीरान सा
मकड़ी के जालों से
घिरा वो पुराना सा
जीर्ण शीर्ण मकान
और उसकी वो
पुरानी सी दीवारें
जहाँ अंकित है
प्रेम-सागर प्रभु-पूजा जैसे
प्रेमी जोड़ो के अनेक नाम
जो अक्सर लिखे जाते थे
दोस्तों या खुद प्रेमियों द्वारा
क्योंकि ये दीवारें ही
बनती थी बुनियाद
उनकी प्रेम कहानी की
और यहीं से पाती थी
विस्तार एक प्रेम कथा
जो अपनी खामोशी से
आज भी देती है चुनौती
ताजमहल को भी
ताज जो आज ताज है
पर्यटन का
जिसे देखने आते है
देश दुनिया के
तमाम बड़े लोग
और टिकिट खरीदकर
करते है उसे कैद
अपने दिल व कैमरों में
पर वो पुरानी सी दीवारें
जहाँ कभी कभार
आश्रय पाते है
कुछ चरवाहे और
खानाबदोश
जहाँ सुबह शाम
उठते हुए धुएँ से
गुलज़ार होते है
उन प्रेमी जोड़ो के
लिखें हुए नाम व
वो पुरानी सी दीवारें।
मौलिक व स्वरचित।
शांतिलाल सोनी
ग्राम कोटड़ी (सिमारला)
तहसील श्रीमाधोपुर
जिला सीकर राजस्थान
Mob. 9460192289