“वो पीला बल्ब”
“वो पीला बल्ब”
गांव में हर घर के बाहर
चौक में लटका मिलता
चारों ओर फैलाता रोशनी
लट्टू नाम से जाना जाता,
सीएफएल सा नहीं हूं मैं
काम तो मैं भी वो ही करता
सफेद चमकीला तो नहीं मैं
रंग में थोड़ा मैं पीला दिखता,
सीएफएल की तरह मैं कभी
बंद कमरे में नहीं चमकता
खुले आसमान तले फैलकर
मीनू को मैं चांदना दिखाता,
अलग ही तरह का प्रकाश
आंगन में मैं तुम्हारे फैलाता
महंगाई का जबरदस्त साथी
सस्ते रुपयों में खरीदा जाता।