वो पिता है
वो पिता है,
वो काम करते रहता है,
अपनी फिक्र कम,
सिर्फ घर के बारे में सोचता है.
जो कोई समझता नही,
वो भी वो समझ जाता है,
किसे क्या चाहिए,
उसे पता चल जाता है.
कब, किसे कितनी जरूरत है,
उसी इंतजाम में लग जाता है,
अपने दिल की कही ही नही,
और न कोई समझता है.