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30 Jan 2024 · 1 min read

वो पहला मिलन.

तुम्हारी नर्म हथेलियों
की गुनगुनी सी
वो पहली छुअन
और फ़िर,
शरबती आँखों से देखना
झुका कर पलकें
प्रेम जताना
दिल की बढ़ती धड़कनें
बेक़ाबू से होते जज़्बात
किस क़दर मुश्किल था
ख़ुद को संभालना.
तुम्हारी साँसों से फैलती
भीनी ख़ुशबू का
फ़िजा में महकना,
बिन छुए,
तन मन का आलिंगन
कुछ ऐसा ही तो था
प्रिये, हमारा पहला मिलन

हिमांशु Kulshrestha

Language: Hindi
93 Views
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