वो परीक्षा नहीं जिंदगी है मेरी
भारतीय सिविल सेवा परीक्षा की
तैयारी कर रहे सभी मित्रों
को समर्पित…..
मैं अभ्यर्थी उसका
वो परीक्षा है मेरी
वो परीक्षा नहीं
जिंदगी है मेरी
मैं हूँ राही ,
वो है मंजिल
करना है अब
उसको हासिल
इन किताबों में
होते उसके ही दर्शन
वो मेरी चिड़िया की आँख है
मैं उसका अर्जुन
मैं नोकरशाह उसका ,
वो तपस्या है मेरी
वो परीक्षा नहीं
जिंदगी है मेरी
समाज ,राष्ट्र से सीधे जुड़ाव
ये कराये
समाजसेवा का इससे बेहतर
जरिया न भाये
इस शरीर से होते से होते
उसके ही दर्शन
खाना- पीना सब भूले
चश्मा लगाते है अब हम
मैं लोकसेवक उसका वो
मेहनत है मेरी
वो परीक्षा नहीं जिंदगी है मेरी
-जारी