*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
वो नीला सितारा
नहीं छोडती , कोशिश बिखर क़र ,
लहरों से सीखो ,ज़रा ये हुनर …
बेफिक्र था , माझी दरिया के बीच ,
ना चिंता घर , ना जुनू की डगर …
राहें चुनी , कारवाओं से हट कर,
होगा यकीनन , दगा का असर …
ख्वाबों की , रूहें भटकती तो होंगी ,
मझधार में ,जो – जो ड़ूबा शहर …
उसकी खुशी था , वो नीला सितारा ,
सुबह खो गया , वो भी मगर …
था बेहद जरूरी , विचारों का मनथन
अमृत में ही , मिल गया था ज़हर….
– क्षमा ऊर्मिला