Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2024 · 1 min read

वो दौर अलग था, ये दौर अलग है,

वो दौर अलग था, ये दौर अलग है,
‘जिस्म-ओ-जाँ’ की चाहत को लोग मतलब का नाम देते हैं

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

161 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तन्हाई को जीते जीते
तन्हाई को जीते जीते
हिमांशु Kulshrestha
कभी निशाना  चूकता  नहीं।
कभी निशाना चूकता नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"सचमुच"
Dr. Kishan tandon kranti
सूली का दर्द बेहतर
सूली का दर्द बेहतर
Atul "Krishn"
क्या अपने और क्या पराए,
क्या अपने और क्या पराए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
TAMANNA BILASPURI
risk something or more  or forever sit with your dream
risk something or more or forever sit with your dream
पूर्वार्थ
क्यों नहीं लोग.....
क्यों नहीं लोग.....
Ajit Kumar "Karn"
उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है।
उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है।
Manisha Manjari
चार बजे
चार बजे
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
तुम बदल जाओगी।
तुम बदल जाओगी।
Rj Anand Prajapati
The World at a Crossroad: Navigating the Shadows of Violence and Contemplated World War
The World at a Crossroad: Navigating the Shadows of Violence and Contemplated World War
Shyam Sundar Subramanian
राम नाम अतिसुंदर पथ है।
राम नाम अतिसुंदर पथ है।
Vijay kumar Pandey
💞मुझे तो तोहफे में. ...
💞मुझे तो तोहफे में. ...
Vishal Prajapati
*राम तुम्हारे शुभागमन से, चारों ओर वसंत है (गीत)*
*राम तुम्हारे शुभागमन से, चारों ओर वसंत है (गीत)*
Ravi Prakash
Sumclub là cổng game bài đổi thưởng tin cậy, hợp pháp tại Vi
Sumclub là cổng game bài đổi thưởng tin cậy, hợp pháp tại Vi
Sumclub - Đẳng cấp game bài đổi thưởng
एक ग़ज़ल
एक ग़ज़ल
Kshma Urmila
कभी चाँद को देखा तो कभी आपको देखा
कभी चाँद को देखा तो कभी आपको देखा
VINOD CHAUHAN
दुःख  से
दुःख से
Shweta Soni
बाबा चतुर हैं बच बच जाते
बाबा चतुर हैं बच बच जाते
Dhirendra Singh
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
Swami Ganganiya
भीग जाऊं
भीग जाऊं
Dr fauzia Naseem shad
'हक़' और हाकिम
'हक़' और हाकिम
आनन्द मिश्र
जो कभी रहते थे दिल के ख्याबानो में
जो कभी रहते थे दिल के ख्याबानो में
shabina. Naaz
सज़ल
सज़ल
Mahendra Narayan
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
प्रेम के खातिर न जाने कितने ही टाइपिंग सीख गए,
प्रेम के खातिर न जाने कितने ही टाइपिंग सीख गए,
Anamika Tiwari 'annpurna '
..
..
*प्रणय*
2984.*पूर्णिका*
2984.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वो अपने बंधन खुद तय करता है
वो अपने बंधन खुद तय करता है
©️ दामिनी नारायण सिंह
Loading...