वो देखती है सपने
वो देखती है सपने,
रात रात भर जाग के,
चाँद तारों को आसमां में निहारते,
वो देखती है सपने |
वो देखती है सपने,
अपने पिया से मिलन के,
अपने विह्वल मन को समझाते,
वो देखती है सपने |
वो देखती है सपने,
साजन की आँखों में,
अपनी हीं तस्वीर झीलमिलाते,
वो देखती है सपने |
वो देखती है सपने,
प्रेमी की बाहों में,
सपनों के झूला झूलते,
वो देखती है सपने |
वो देखती है सपने,
उनके मीठे अल्फाजों में,
अपने लिए गीत गुनगुनाते,
वो देखती है सपने |
वो देखती है सपने,
उनके पहले चुम्बन में,
अपने लिए हीं उनको मचलते,
वो देखती है सपने |
वो देखती है सपने,
साजन के घर आँगन में,
अपने संसार को सजते संवरते,
वो देखती है सपने |
वो देखती है सपने,
हाँ, वो देखती है कुछ,
ऐसे हीं सुन्दर सपने ,
वो देखती है सपने |
लेखक – मनोरंजन कुमार श्रीवास्तव
पता- निकट शीतला माता मंदिर , शितला नगर , ग्राम तथा पोस्ट – बिजनौर , जिला – लखनऊ , उत्तर प्रदेश , भारत , पिन – 226002
सम्पर्क – 8787233718
E-mail – manoranjan1889@gmail.com