वो दिन फिर आयेंगे
महकेगी हर सुबह
और चहकेंगे पंछी भी
हवा में होगी ताज़गी
न उखड़ेगी सांसे भी
वो दिन फिर आयेंगे
जब होगी खुशियां भी।।
सैर पर निकलेंगे लोग
हर सुबह फिर से
बैठकर गलीचों में
करेंगे योग दिल से
वो दिन फिर आयेंगे
कह रहे है हम से।।
काम पर जायेंगे लोग
बच्चे दिखेंगे स्कूल में
बसें सारी भरी होगी
बच्चे नहाएंगे धूल में
वो दिन फिर आयेंगे
फूल खिलेंगे बाग में।।
बाजारों में होगी रौनक
दुकानें भी सजी होंगी
हर तरफ उजाला होगा
जिंदगी खुशहाल होगी
वो दिन फिर आयेंगे
जब जीवन में बहार होगी।।
फिर आशा की किरणें
उम्मीद लाएगी जीवन में
आखिर मासूम बच्चे भी
खेल पाएंगे आंगन में
वो दिन फिर आयेंगे जब
बहार होगी फिज़ाओं में।।
जब सिलसिला ये
मौतों का आखिर थम जाएगा
ये जीवन फिर से
एकबार जीवंत हो जायेगा
वो दिन फिर आयेंगे जब
इंसान चेहरा भी दिखा पाएगा।।