वो दिन आखिरी था
रुसवा यार को मनाना ज़रुरी था,
क्युकी वो दिन आखिरी था।
हर शक्स के साथ
झूठे वादो की रसम को निभाना ज़रूरी था ,
क्युकी वो दिन आखिरी था।
तस्वीरों में कैद हर लम्हे को करना,
आखिरी दिन सबसे मिलना,
ज़रूरी था क्युकी वो दिन आखिरी था।
सबको खुश देख खुद भी खुश हो जाना,
आखिरी जश्न इकट्ठे मनाना ज़रुरी था,
क्युकी वो दिन आखिरी था।
गुरुओं की बातो को ,
अपनी अच्छी बूरी यादों को ,
समेट , बस्ता उठना जरूरी था,
क्यूकी वो दिन आखिरी था।
जाते जाते एक दफा
विद्यालय की दीवारों को निहारकर जाना ज़रूरी था,
क्युकी यारो वो दिन आखिरी था।।२
❤️ सखी