Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2016 · 1 min read

वो दर ओ बाम क्यूँ नहीं आता,,

इक दिया आम क्यूँ नहीं आता,
वो दर ओ बाम क्यूँ नहीं आता,,

एक ही शख़्स क्यूँ ज़बाँ पर है,
दूसरा नाम क्यूँ नहीं आता,,

इश्क़ करना बस इश्क़ करना ही,
दूसरा काम क्यूँ नहीं आता,,

जाने क्यूँ कर के दिल धड़कता है,
इसको आराम क्यूँ नहीं आता,,

चाँद के शौक़ में कभी छत पर,
वो खुले आम क्यूँ नहीं आता,,

तुम मुख़ातिब तो मुझ से होते हो,
ख़त मेरे नाम क्यूँ नहीं आता,,

जब मुहब्बत नहीं अदावत है,
तो सरे आम क्यूँ नहीं आता,,

सब्र का ज़हर ही पियेंगे क्या,
सामने जाम क्यूँ नहीं आता,,

– नासिर राव

1 Comment · 305 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्या होगा लिखने
क्या होगा लिखने
Suryakant Dwivedi
*प्रेम कविताएं*
*प्रेम कविताएं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
शाबाश चंद्रयान-३
शाबाश चंद्रयान-३
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
जुग जुग बाढ़य यें हवात
जुग जुग बाढ़य यें हवात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मेरा बचपन
मेरा बचपन
Ankita Patel
नमन मंच
नमन मंच
Neeraj Agarwal
आसान शब्द में समझिए, मेरे प्यार की कहानी।
आसान शब्द में समझिए, मेरे प्यार की कहानी।
पूर्वार्थ
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
Manoj Mahato
वह दे गई मेरे हिस्से
वह दे गई मेरे हिस्से
श्याम सिंह बिष्ट
चंदा तुम मेरे घर आना
चंदा तुम मेरे घर आना
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
Dr. Arun Kumar shastri
Dr. Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
करुणा का भाव
करुणा का भाव
shekhar kharadi
23/190.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/190.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सचमुच सपेरा है
सचमुच सपेरा है
Dr. Sunita Singh
Cottage house
Cottage house
Otteri Selvakumar
Expectation is the
Expectation is the
Shyam Sundar Subramanian
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
" रिवायत "
Dr. Kishan tandon kranti
विचारों की आंधी
विचारों की आंधी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर उनकी बातों में विश्
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर उनकी बातों में विश्
जय लगन कुमार हैप्पी
उम्मीद और हौंसला, हमेशा बनाये रखना
उम्मीद और हौंसला, हमेशा बनाये रखना
gurudeenverma198
किसका चौकीदार?
किसका चौकीदार?
Shekhar Chandra Mitra
कविता के हर शब्द का, होता है कुछ सार
कविता के हर शब्द का, होता है कुछ सार
Dr Archana Gupta
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
N.ksahu0007@writer
रूप अलौकिक हे!जगपालक, व्यापक हो तुम नन्द कुमार।
रूप अलौकिक हे!जगपालक, व्यापक हो तुम नन्द कुमार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#कैसी_कही
#कैसी_कही
*Author प्रणय प्रभात*
माँ कहती है खुश रहे तू हर पल
माँ कहती है खुश रहे तू हर पल
Harminder Kaur
मां नही भूलती
मां नही भूलती
Anjana banda
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नारियां
नारियां
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Loading...