वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज)
अरे! वो तेरा है ना तेरा था ना तेरा वो कभी होगा
सवेरा है ये दो पल का अंधेरा भी कभी होगा
भ्रम है ये जी रहा जिसमें छोड़ इस मोह माया को
जिसे तेरा समझता तूॅ॑ ना तेरा वो कभी होगा
ये तेरा जिस्म भी तो बस खुदा की ही अमानत है
नहीं कोई यहाॅ॑ वो चीज कहें जो ताकयामत है
लिया जिसने जन्म एक दिन सच है कि फ़ना होगा
जिसे तेरा समझता तूॅ॑ ना तेरा वो कभी होगा
ये रिश्ते नाते क्षण भंगुर हैं जो पल में टूट जाते हैं
जिसे तूॅ॑ संग समझता है हमसफ़र छूट जाते हैं
ना कोई था ना कोई है और ना कोई भी तेरा होगा
जिसे तेरा समझता तूॅ॑ ना तेरा वो कभी होगा
तेरे दिल की धड़कन ये सुनो एक बात कहती हैं
तेरी सांसे सदा तेरा कहाॅ॑ तक साथ देती हैं
न होंगी इच्छाएं पूरी बस जिस्म पर कफ़न होगा
जिसे तेरा समझता है ना वो तेरा कभी होगा
“V9द” छोड़ दें उम्मीद तूॅ॑ हाथों की लकीरों की
जिंदगी जी ले ये सुन तूॅ॑ बेफिक्री फकीरों सी
हस्न सबका हुआ है जो वही एक दिन तेरा होगा
जिसे तेरा समझता है ना वो तेरा कभी होगा