वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
मौहब्बत में फिर वो सितम ढूंढते हैं।
जो पलकें झुकाके उठाते हैं नज़रें ।
वो अपनों में अब भी सनम ढूंढते हैं।।
Phool gufran
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
मौहब्बत में फिर वो सितम ढूंढते हैं।
जो पलकें झुकाके उठाते हैं नज़रें ।
वो अपनों में अब भी सनम ढूंढते हैं।।
Phool gufran