वो कोई और नहीं पिता है
जिसे हर चीज़ का हर वक्त रहता है ध्यान
जिसका कोई नहीं ले सकता है स्थान
जिसके हाथों में होती है परिवार की कमान
जो अपने सहज कर्मों से बनता है महान
जिसने अपने उत्तरदायित्व से कभी नहीं मानी थकान
केवल एक व्यक्ति नहीं अपने आप में होता है पूरा ज़हान
लो सुनाता हूं एक ऐसी ही अनोखी दास्तान
वो कोई और नहीं पिता है क्या था तुमको पहले इसका ज्ञान
जिसके कंधों पर होता है जिम्मेदारियों का एक बड़ा दुकान
जो अपने पास रखता है हर समस्या का समाधान
जिसने लालन पालन का चलाया है अथक अभियान
जिनके यत्न ने परिवार के लिए बनाया है राह को आसान
जिसे कितनी भी बड़ी समस्या कभी करती नहीं परेशान
स्वयं परमात्मा का रूप है नहीं है कोई साधारण इंसान
लो दिखाता हूं एक ऐसी वास्तविकता का व्याख्यान
वो कोई और नहीं……………………….
जिसके कर्मों का कुटुम्ब में है सर्वश्रेष्ठ योगदान
जो है भाग्य विधाता, जो है स्वयं कृपा निधान
जिसने दिया है सबको ही मुंह मांगा वरदान
जिसका किसी भी स्थिति में नहीं नापा जाता है बलिदान
जिसको ईश्वर ने प्रदान किया है कार्य अहम प्रधान
जिनका आदित्य करता है नित्य सनातन गुणगान
लो बताता हूं एक ऐसा अनुपम अद्भुत कीर्तिमान
वो कोई और नहीं…………….. …..…..…
पूर्णतः मौलिक स्वरचित सृजन की अलख
आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर,छ.ग.