वो करेंगे सौ बहाने, देख लेना जी…
वो करेंगे सौ बहाने, देख लेना जी
आ रहे हैं फिर लुभाने, देख लेना जी
नल, सड़क, बिजली मिलेगी, गाँव वालों को
थे यही वादे पुराने, देख लेना जी
एक बस इस गाँव से उस गांव दौड़ेगी
गा रहे हैं वो तराने, देख लेना जी
हम करेंगे खत्म भ्रष्टाचार को जड़ से
आ गये ये रंग जमाने, देख लेना जी
इक चिकित्सा-घर बनेगा, पाठशाला भी
स्वप्न दिखलाते सुहाने, देख लेना जी
फिर वही बातें धरम की, जाति के चर्चे
अा गये फिर सिर दु:खाने, देख लेना जी
सत्य, मिथ्या की परख है या नहीं तुमको
ये खड़े हैं आजमाने, देख लेना जी
जो अमन की बात छेड़े, जो तरक्की दे
अाप उसका साथ देना, देख लेना जी
तब कहीं जाकर सुनहरा दौर आयेगा
हाँ, लदेंगे दिन पुराने, देख लेना जी
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सोमनाथ शुक्ल
इलाहाबाद