वो आज मिला है खुलकर
यूँ आज लगा है मिलकर
वो आज मिला है खुलकर
मेरा सब कुछ ले गया वो
सांसों में गहरा घुलकर
फिर छिपना पाया कुछ भी
आँखों की तुला में तुलकर
•••
यूँ आज लगा है मिलकर
वो आज मिला है खुलकर
मेरा सब कुछ ले गया वो
सांसों में गहरा घुलकर
फिर छिपना पाया कुछ भी
आँखों की तुला में तुलकर
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