वोट देने से पहले…
आजकल बस उसी की शुहरत है,
जिसको भी हाँकने की आदत है।।
है सभी को तलाश मौके की,
साफ़ किसकी यहाँ पे नीयत है।।
फ़िक्र आवाम की यहाँ किसको,
बस दिखावे की सब मुहब्बत है।।
जो इलेक्शन में हैं खड़े उनका,
अस्ल मक़सद कमाना दौलत है।।
वोट देने से पहले ये सोचो,
किसमे कितनी बची शराफ़त है।।
नाम पर जाति और मज़हब के,
हो रही ख़ूब,क्या सियासत है।।
“अश्क” ये तिल को ताड़ कर देंगे,
इसमें हासिल इन्हें महारत है।।
© अश्क चिरैयाकोटी
दि०:28/02/2022