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28 Jan 2021 · 1 min read

वोट दूंगा मैं फिर

कविता :- 12(07)

-: वोट दूंगा मैं फिर ।

राह रोशन करना है , रखा हूं मुस्कुराता हुआ होंठ ,
देकर आया हूं पहली बार वोट ।
मत यानी वोट धर्म – कर्म से दिया हूं , लेकर नहीं नोट ,
चिंता इसकी है कहीं व्यर्थ जाये न मेरी वोट ।

पर विश्वास हैं खिलेंगी कमल ,
मारा हूं दो पर , दूर हुआ डर ।
खुश होकर वापस आया हूं घर ,
अब रहेगी न ममता भरी पल ।।

राम नाम लेने पर जनता को पराछिस केनोऊ
( পরাছিষ কেনোই ) कहकर डांटी ,
उन्हें पता नहीं कि ये है राम की माटी ।
इसलिए निशाना मारा हूं, कमल फूल पर
जो है अटल जी की साथी ,
जिसे दिया हूं वोट वह दल है भारतीय जनता पार्टी ।।

अपने मत से वोट दिया हूं , और देने जाऊंगा फिर ,
उसी को दूंगा , जिसे कहेगा दिल ।
चाहे धमकाने के लिए लगे रहे भीड़ ,
परिणाम आ चुका है, उन्नीस में कमल गया है खिल ।।

* ® ✍️ रोशन कुमार झा ??
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो :- 6290640716 कविता :- 12(07)
06-05-2019 सोमवार 17:45 (Intex :-1)
Part :-195 , s no :- 808
11:38 (2 no ) रन्तिदेव सेन गुप्ता जी रहे
CISF :- केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल
शिशु विद्यापीठ पचनतल्ला , लिलुआ
33/91 वेलगछिया रोड सुभाष भईया बाड़ी से
51/9 कुमार पाड़ा लेन लिलुआ हावड़ा :- 711204
आज कविता :- 16(43) मंगलवार 26-05-2020
77/R mirpara road Liluah ashirbad bawan
Microsoft:-2, Realme c2:- 3 , जनेऊ में फोड़े
Redmi :-4 से अगला साल का कविता :- 12(29)

Language: Hindi
393 Views
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