कीमत एक वोट की
तुम क्या जानो, वोट की कीमत ?
वोट मेरा अमूल्य है।
ये लोकतंत्र की तस्वीर बनाता है।
राष्ट्र के निर्माण में,
सुनहरी कुंची चलाता है।।
तुम क्या जानो, कीमत इसकी ?
लोकतंत्र की रक्षा ख़ातिर,
जन जन बलिदान यहाँ।
कुछ बदल रहा है तंत्र अब,
बढ़ रहा अभिमान यहाँ।।
क्यों दूर ही दिखती,
अभावो से लड़ती जन पंक्ति,
क्यों सूक्ष्म लगती,
जन मन की ये संघर्ष शक्ति।
अष्ट बलो को थामके,
क्यों कीमत गिरती दिखती है।
आदमी की आम कहानी,
क्यों उपेक्षित सी लगती है।
तुम क्या जानो, कीमत इसकी ?
वोट मेरा अमूल्य है।
बिका नहीं है, ईमान मेरा..
राष्ट ख़ातिर योगदान मेरा..
सुनता हूँ मैं, देश न्यौच्छावर जवान को।
चुनता हूँ मैं, अन्नदाता उस किसान को।
सुनता हूँ मैं, फर्ज पर डटे उस इंसान को।
चुनता हूँ मैं, मिटाने गरीबी, भ्रष्टाचार को।
लड़ता हूँ, मंहगाई, बेरोजगारी, अनाचार से,
हारे है इतिहास में, है कीमत एक वोट की।
समझ जाओगे कीमत, हर एक वोट की।।
वोट मेरा अमूल्य है।
वोट मेरा मजबूत लोकतंत्र बनाता है।
राष्ट्र निर्माण में अतुल्य शक्ति कहलाता है।।
“मतदान अवश्य करे, लोकतंत्र को मजबूत करे”
(रचनाकार- डॉ शिव “लहरी”)