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1 Feb 2022 · 1 min read

वोटर के बड़-भाग (हास्य कुंडलिया)

वोटर के बड़-भाग (हास्य कुंडलिया)
■■■■■■■■■■■■■■■■
छोटे नेता जी हुए ,वोटर के बड़-भाग
ठंडे नेता जी दिखे , वोटर जैसे आग
वोटर जैसे आग ,समझता खुद को राजा
बजती आगे बीन , रोज ही ताजा-ताजा
कहते रवि कविराय ,चरण कमलों में लोटे
चार दिवस की बात ,हुए नेता जी छोटे
●●●●●●●●●●◆●◆●◆●●●●●●●●
रचयिता:रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 9997615451

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