वॉट्सऐप विद्यालय !
देश में नया विद्यालय खुला है,
मूर्खों का बड़ा आलय खुला है।
बिना ज्ञान के यहां ज्ञानी मिलते,
सभी योगी और ध्यानी मिलते।
इतिहास जिन्होंने कभी पढ़ा नहीं,
इक अक्षर तक कभी गढ़ा नहीं।
इतिहासकार बने यहां फिरते है,
ऊल जुलूल बातें रोज़ लिखते हैं।
लोग किताबें भले न पढ़े,
वाट्सऐप पर खूब पढ़ते हैं।
पल्ले कुछ पड़े या ना पड़े,
विचार भी अपने खूब गढ़ते हैं।
ये राजनीति का नया अखाड़ा है,
होता यहां रोज़ बखेड़ा है।
गलत सलत खबर फैलाते है,
लोगों को बेवजह भड़काते है।
लोगों को अब समझना होगा,
किताबों की ओर लौटना होगा।
टेक्नोलॉजी के अपने फायदे है,
साथ आतीं बहुत सी रवायतें हैं।
इस विद्यालय पर अंकुश जरूरी है,
यहां मिलती जो शिक्षा वो अधूरी है।
इसमें यदि अधिक देर हो जायेगी
पीढ़ियां हमारी ढेर हो जाएंगी।