Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2023 · 1 min read

*वैराग्य (सात दोहे)*

वैराग्य (सात दोहे)
————————————————–
(1)
दुनिया से लो चल दिए ,दोनों खाली हाथ
किसे पता अब कब मिलें , यादें रखना साथ
(2)
दुनिया सब आ – जा रही ,मरते जीते लोग
लगा सभी को अंत में , वृद्धावस्था रोग
(3)
कुछ दिन ठहरे चल दिए , आवागमन स्वभाव
नदी सदा ठहरी रही ,चलती फिरती नाव
(4)
पता नहीं किसको कहें , सपनों वाली बात
दिन यह अब जो चल रहा ,या जो बीती रात
(5)
कल का क्या किसको पता ,कल जग का अज्ञात
आज दिवस जो दिख रहा ,करिए उसकी बात
(6)
गिने हुए थे दिन मिले ,थीं गिनती की साँस
फिर सब को लेकर. चले ,अर्थी के दो बाँस
(7)
खेल दिखा कर चल दिया ,जादूगर उस पार
सोच रहे सब क्या पता ,कब लौटे इस बार
————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
281 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
उधार वो किसी का रखते नहीं,
उधार वो किसी का रखते नहीं,
Vishal babu (vishu)
यह दुनिया है जनाब
यह दुनिया है जनाब
Naushaba Suriya
2979.*पूर्णिका*
2979.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
सत्य कुमार प्रेमी
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
Sanjay ' शून्य'
अपना मन
अपना मन
Neeraj Agarwal
"अगली राखी आऊंगा"
Lohit Tamta
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
Sonam Pundir
खुद की नज़रों में भी
खुद की नज़रों में भी
Dr fauzia Naseem shad
****मैं इक निर्झरिणी****
****मैं इक निर्झरिणी****
Kavita Chouhan
I don't care for either person like or dislikes me
I don't care for either person like or dislikes me
Ankita Patel
फ़ितरत अपनी अपनी...
फ़ितरत अपनी अपनी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।
सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।
पूर्वार्थ
*पिता*...
*पिता*...
Harminder Kaur
चाय सिर्फ चीनी और चायपत्ती का मेल नहीं
चाय सिर्फ चीनी और चायपत्ती का मेल नहीं
Charu Mitra
अभी दिल भरा नही
अभी दिल भरा नही
Ram Krishan Rastogi
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
SURYA PRAKASH SHARMA
#गीत /
#गीत /
*Author प्रणय प्रभात*
हमें कोयले संग हीरे मिले हैं।
हमें कोयले संग हीरे मिले हैं।
surenderpal vaidya
पुकार
पुकार
Manu Vashistha
*मॉं भजनों को सुन-सुन कर, दौड़ी-दौड़ी आ जाना (गीत)*
*मॉं भजनों को सुन-सुन कर, दौड़ी-दौड़ी आ जाना (गीत)*
Ravi Prakash
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
💐प्रेम कौतुक-370💐
💐प्रेम कौतुक-370💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"मंजर"
Dr. Kishan tandon kranti
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
वेलेंटाइन डे
वेलेंटाइन डे
Surinder blackpen
करके याद तुझे बना रहा  हूँ  अपने मिजाज  को.....
करके याद तुझे बना रहा हूँ अपने मिजाज को.....
Rakesh Singh
वो शिकायत भी मुझसे करता है
वो शिकायत भी मुझसे करता है
Shweta Soni
फितरत
फितरत
umesh mehra
नज़र आसार-ए-बारिश आ रहे हैं
नज़र आसार-ए-बारिश आ रहे हैं
Anis Shah
Loading...