वृद्धिसमानिका छंद (22 मात्रा) , विधान सउदाहरण
वृद्धिसमानिका छंद 22 मात्रा , विधान सउदाहरण
मापनीयुक्त मात्रिक छंद
गालगा लगालगा गालगा लगालगा
आज नेकता सभी शर्मसार देखिए |
कौन बोलता यहाँ आज हार देखिए ||
मौन आज गौड़ है प्रश्न कौन पूछता,
लोग ला रहे नए ये विचार देखिए |
नेकता विचार भी लोग मानते सभी ,
पालते कभी नहीं जानकार देखिए |
जानकार हैं सभी सोच भी रखें गुणी ,
खोलते कड़ाह में तेल धार देखिए |
रोज ही मिलान है कौन आज मानता ,
झूठ भी सफेद है आर पार देखिए |
धर्म की दुकान है , मोल ज्ञान लीजिए ,
सिद्ध मंत्र भी यहाँ , है उधार देखिए |
राह में “सुभाष” है खोजने प्रकाश को ,
वेवशी मुझे मिली कार्य भार देखिए |
सुभाष सिंघई. जतारा टीकमगढ़ म०प्र०