Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2021 · 1 min read

वृक्ष हमारे सच्चे दोस्त

वृक्ष हमारे सच्चे दोस्त,
हरे-भरे और छोटे-बड़े ।

जीवनदान हमें देते हैं,
शुद्ध हवा दे राहत देते हैं ।

मीठे-मीठे फल भी देते हैं,
धूप में छांँव देते हैं ।

मिट्टी को पकड़े रहते हैं,
वर्षा में बहने नहीं देते ।

छोटे-छोटे जीव-जन्तु ,
पशु-पक्षी यहांँ ठहरते ।

सबकी रक्षा वृक्ष करते हैं,
वृक्ष हमारे सच्चे दोस्त ।

#बुद्ध प्रकाश (मौदहा)

2 Likes · 322 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all
You may also like:
दिल की बात
दिल की बात
Bodhisatva kastooriya
घूर
घूर
Dr MusafiR BaithA
**** बातें दिल की ****
**** बातें दिल की ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गीत
गीत
Pankaj Bindas
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिल जल रहा है
दिल जल रहा है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मिली जिस काल आजादी, हुआ दिल चाक भारत का।
मिली जिस काल आजादी, हुआ दिल चाक भारत का।
डॉ.सीमा अग्रवाल
थोड़ा प्रयास कर समस्या का समाधान स्वयं ढ़ुंढ़ लेने से समस्या
थोड़ा प्रयास कर समस्या का समाधान स्वयं ढ़ुंढ़ लेने से समस्या
Paras Nath Jha
परतंत्रता की नारी
परतंत्रता की नारी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"शिक्षक"
Dr. Kishan tandon kranti
एक शेर
एक शेर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*कुकर्मी पुजारी*
*कुकर्मी पुजारी*
Dushyant Kumar
समाज मे अविवाहित स्त्रियों को शिक्षा की आवश्यकता है ना कि उप
समाज मे अविवाहित स्त्रियों को शिक्षा की आवश्यकता है ना कि उप
शेखर सिंह
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हिम्मत कर लड़,
हिम्मत कर लड़,
पूर्वार्थ
■ मंगलमय हो अष्टमी
■ मंगलमय हो अष्टमी
*Author प्रणय प्रभात*
उम्मीद
उम्मीद
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मिसाइल मैन को नमन
मिसाइल मैन को नमन
Dr. Rajeev Jain
समय और स्त्री
समय और स्त्री
Madhavi Srivastava
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
Atul "Krishn"
2475.पूर्णिका
2475.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
भूतल अम्बर अम्बु में, सदा आपका वास।🙏
भूतल अम्बर अम्बु में, सदा आपका वास।🙏
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मशाल
मशाल
नेताम आर सी
"अंतिम-सत्य..!"
Prabhudayal Raniwal
मात्र एक पल
मात्र एक पल
Ajay Mishra
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
VINOD CHAUHAN
माँ
माँ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*वक्त की दहलीज*
*वक्त की दहलीज*
Harminder Kaur
बिन बोले सब कुछ बोलती हैं आँखें,
बिन बोले सब कुछ बोलती हैं आँखें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...