वृक्ष थे छायादार पिताजी
राम भजे हर बार पिताजी
थे भक्ति का अवतार पिताजी
नाव लगाई हरदम द्वारे
तूफां में पतवार पिताजी
घर बगिया को खूब सजाया
थे फूलों का हार पिताजी
लड़ जाते थे हर मुश्किल से
आँधी में दीवार पिताजी
छाँव में उनकी हम सब पनपे
वृक्ष थे छायादार पिताजी
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*7 फरवरी, सन 2005 ई. को हृदय गति रुक जाने से पिताश्री शिव सिंह जी का निधन हुआ। उनका जन्म शिवरात्रि, 1938 ई. को हुआ था। मृत्यु से पूर्व भी उनकी जिव्हा पर राम जी का ही नाम था। राम-राम कहते हुए ही रामभक्त ने प्राण त्यागे।