वीर शिवा की धरती है ये, इसको नमन करे संसार।
बड़े जतन से मिली ये हमको, इसको रखना सदा बचाय।
आये बवंडर या तूफां भी, लेकिन इस पर आंच न आय।।
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कितने झूला झूल गये थे,
सर कटवाये बहुत अनेक।
कदम हटाए नहिं थे पीछे,
जुल्म हुए चाहें अतिरेक।
नमन सभी भारत वीरों को, कहते सदा अटल कविराय।
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वीर शिवा की धरती है ये,
इसको नमन करे संसार।
प्राण त्याग कर करी सुरक्षा,
हम सब करते हैं आभार।
किया समर्पित सब कुछ अपना
गाथा उनकी गाई ना जाय।
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मिटे वतन पर वीर भगत सिंह,
राजगुरु भी झूल गये।
अशफाकुल्लाह जैसे नेता
अपने तन को भूल गए।
वंदेमातरम् कहते कहते
झूल गये फांसी पर जाय।
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किस किस की मैं कहूं कहानी
किस किस को मैं याद करूं।
भरी पड़ी है गौरव गाथा,
किस पर वाद विवाद करूं।
गांधी नेहरू सबकी गाथा
हमको बहुत अधिक अति भाय।
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वीर विनायक सावरकर ने अपना जीवन दान किया।
अंग्रेज़ों ने समय समय पर,
उत्पीड़न का गरल दिया।
बलिदानों की करुण कहानी,
भारत का हर काव्य सुनाय।
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