वीर शिरोमणी कुंवर वीरमदेव
सोनगरा चौहानो का था वो राजकुंवर,
नाम था उसका वीरमदेव,
महाराजा कान्हड़ देव का वीर पुत्र था वो,
महाराजा सामंत सिंह जी का पौत्र था वो,
मालदेव का था भतीज वो,
नाम था उसका वीरमदेव,
दिल्ली सल्तनत को जिसने अनूठा दिखाया,
नाम था उसका वीरमदेव,
खिलजी को जिसने धूल चटाई,
नाम था उसका वीरमदेव,
जो में परणु तुर्कनी तो पश्चिम उगे तब भान,
ऐसा शब्द श्रंगार किया,
उस प्रतिज्ञा को साकार किया,
वो नाम था उसका वीरमदेव,
वीर शिरोमणी जो कहलाया,
नाम था उसका वीरमदेव,
शीश कटा पर धड़ लडा जिसका,
नाम था उसका वीरमदेव,
रण कौशल में था जो प्रवीण ,
नाम था उसका वीरमदेव,
दिल्ली की सेना को जिसने डराया,
नाम था उसका वीरमदेव,
पंजू पहलवान को जिसने मलयुद्ध में हराया,
नाम था उसका वीरमदेव,
दिल्ली दरबार को जिसने चकमाया,
नाम था उसका वीरमदेव,
अपने रण कौशल से जिसने जालोर का मान बढ़ाया,
नाम था उसका वीरमदेव,
कहता भरत आपसे करो अपने शुरवीरों का सम्मान,
गहलोत तभी सच्चे अर्थों में मिले वीर शिरोमणी को सम्मान,
भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184-