वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️⛰️🏞️🌅
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय
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हिमालय की रमणीय वादियॉ
हरी भरी स्वच्छ पर्यावरणीय
वैभव वीर हिम श्रृंगार हिमालय
मां भारती का पहरेदार हिमालय
ऊचे ऊंचे वृक्ष राज देवदार
नीचे तरकश तीर चीड़ प्रहरी
अनोखे झाड़ पात रंग बिरंगे
बिच्छू बूटी ज़हर झाड़ फानूस
भालू बाघ बन्दर चीता सिंह
तेंदुआ अजगर नाग विषैले
इनके वीर योद्धा सेवादार
दुश्मन पर रखता अचूक निगाह
अडिग अचल अभेद्य पर्वतराज
अस्त्र वस्त्र आभूषण हिम मुकुट
पाषाण महल की रक्षा करता
सिंहासन पर बैठे वर्फ राजा
आश्रितों की आशाओं पर
समर समीर वर्फीली शीतलता
घाटी में जीवन शैली दर्शाता
गिरिराज का हिम श्रृंगार एक
चिरास्मरण परिदृश्य बनाता
सांझ उषा के आलिंगन से
विरह नहीं मिलन का होता
चांदी सी मुख तेरी सोने सी
बाल ऐसी रूप श्रृंगार है तेरा
जिसे देख जन होते निहाल
स्पर्श मात्र से धन्य धन्य होने
आकर्षित सैलानी दौड़े आते
अर्थ प्रभाव बल आस पास
जीवन स्तर में होता उछाल
सीढ़ीनुमा खेतों की क्यारी
दिखती गले नागो की माला
गिरिराज नें समतल सरपट
पठारों पर बनता जन बसेरा
छोटी बडी पर्वत श्रृंखला जो
पर्यटक आराम सकून बसेरा
जन ज़हान दिलों में बसता
वीर वैभव श्रृंगारित हिमालय
वैभव विशाल स्वर्ण मुकुट सी
भारत वीर सरताज हिमालय
गौरव वीर श्रृंगार हिमालय
तारकेशवर प्रसाद तरुण