वीर योद्धा अभिनन्दन
भारतभू के प्रहरी जागे तू स्वदेश हित ,
धीर वीर तुम , तुम आस अभिमान हो ,
सत्य संधान , विज्ञान अनुसंधान तुम ,
करोड़ों देशवासियों के ह्रदय के ध्यान हो ;
शत्रुहंता , वीरव्रती , सभ्यता के रक्षक ,
जड़ता विनाश हेतु , घनघोर तूफान हो ;
विश्ववन्द्य ! उन्नतशील सदृश वीरों में ,
शत बार अभिनन्दन धीर तू महान हो !
✍️ आलोक पाण्डेय
( कवि,लेखक,साहित्यकार )
वाराणसी,भारतभूमि