Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Dec 2023 · 2 min read

वीर बाल दिवस

यह वह सप्ताह है चला हुआ, जिसमे बलिदान गुरू के लाल हुए।
चारों थे शाहीबजादे वो, और देश धर्म पर बलिदान हुए।।1।।

वह निर्भय होकर रहे सदा, शत्रु पर भी यलगार हुए।
21 से लेकर 26 तक, बलिदान हमारे मददगार हुए।।2।।

17 की उम्र मे वो अजित सिंह, मन जीत बने और शहीद हुए।
14 की उम्र के जुझार सिंह, भाई की शहादत ना भूल सके।।3।।

ले आशीष पिता का बन रणचंडी, शत्रु पर वो भी टूट पड़े।
ऐसा शौर्य और वीरता हमने, चमकौर के रण मे देखी थी।।4।।

एक ही युद्ध मे दो लाल गये, और पिता फख्र से लड़ते थे।
अभी कहा गम ये रूकना था, दो नन्हे अभी भी बाकी थे।।5।।

धर्म का मान बढ़ाना था, बलिदान इन्हे हो जाना था।
वो चिने गए दीवारो मे, सरहिन्द आज तक शर्मिन्दा है।।6।।

वो धर्म त्याग इस्लाम कुबूले, ऐसा लालच मिलता था।
वो सर को ऊँचा किये हुए, पर इस्लाम नही कबूला था।।7।।

बस धर्म का गान किया जबतक, प्राण उन्ही मे जिन्दा थे।
जब 7 वर्ष के जोरावर, गमगीन हुए और रोये थे।।8।।

तब 5 वर्ष के फतेह सिंह, गर्जन कर के बोले थे।
तुम कायर हो या डरे हुए, जो अश्रु धार बहाते हो।।9।।

हम बलिदान धर्म पर होते है, क्यो नाहक ही पछताते हो।
जब जोरावर बोले भाई मेरे, मैं तुमसे पहले आया था।।10।।

तुम मुझसे पहले शहीद धर्म पर होने को भी आतुर हो।
वो उम्र मे बस 7 और 5 के थे, पर स्वाभिमान बहुत ही बाकी था।।11।।

हम करे नमन उन गुरूओ को, उनकी जननी माताओ को।
जो धर्म ध्वजा लहराने को, हमसब का धर्म बचाने को।।12।।

आये और आकर चले गए, देकर पहचान चले गए।
पर हम निर्लज्ज अभी से भटक गए, गुरूओ की वाणी भूल गए।।13।।

हम उपकार भूलाकर गुरूओ का, इस्लाम के पहरेदार बने।
कैसे हम मुँह को दिखाएंगे, जब दागदार हो जाएंगे।।14।।

झुकी हुई है जो धर्म ध्वजा, ऊँचा इसको ले जाना है।
कन्धे से कन्धा मिला हमे, गुरूओ का मान बढ़ाना है।।15।।

ललकार चलो हुंकार भरो, गुरूओ का कर्ज चुकाना है।
सेन्टा बन कर गुरूओ का, अपमान हमे ना करना है।।16।।

Language: Hindi
1 Like · 194 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ललकार भारद्वाज
View all
You may also like:
रंजीत कुमार शुक्ला
रंजीत कुमार शुक्ला
हाजीपुर
सांसें थम सी गई है, जब से तु म हो ।
सांसें थम सी गई है, जब से तु म हो ।
Chaurasia Kundan
नारी शक्ति
नारी शक्ति
राधेश्याम "रागी"
स्वाधीनता दिवस
स्वाधीनता दिवस
Kavita Chouhan
जुदाई  की घड़ी लंबी  कटेंगे रात -दिन कैसे
जुदाई की घड़ी लंबी कटेंगे रात -दिन कैसे
Dr Archana Gupta
4752.*पूर्णिका*
4752.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिससे मिलने के बाद
जिससे मिलने के बाद
शेखर सिंह
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
या तो युद्ध छेड़ दो हमसे,
या तो युद्ध छेड़ दो हमसे,
पूर्वार्थ
दोहा 🌹💖
दोहा 🌹💖
Neelofar Khan
बेहद कष्टप्रद होता है किसी को बरसों-बरस अपना मानने के बाद भी
बेहद कष्टप्रद होता है किसी को बरसों-बरस अपना मानने के बाद भी
*प्रणय*
सौ बार मरता है
सौ बार मरता है
sushil sarna
जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लग
जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लग
Paras Nath Jha
आजा माँ आजा
आजा माँ आजा
Basant Bhagawan Roy
रुत चुनाव की आई 🙏
रुत चुनाव की आई 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इम्तहान दे कर थक गया , मैं इस जमाने को ,
इम्तहान दे कर थक गया , मैं इस जमाने को ,
Neeraj Mishra " नीर "
हैं जो कुछ स्मृतियां वो आपके दिल संग का
हैं जो कुछ स्मृतियां वो आपके दिल संग का
दीपक झा रुद्रा
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
गर्मी आई
गर्मी आई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चलना था साथ
चलना था साथ
Dr fauzia Naseem shad
बुंदेली चौकड़िया-पानी
बुंदेली चौकड़िया-पानी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*नववर्ष*
*नववर्ष*
Dr. Priya Gupta
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
SUNIL kumar
वक्त वक्त की बात है,
वक्त वक्त की बात है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
कवि दीपक बवेजा
" हिम्मत "
Dr. Kishan tandon kranti
सच्ची लगन
सच्ची लगन
Krishna Manshi
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
VINOD CHAUHAN
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Rashmi Sanjay
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
Loading...