वीरों तुम्हें सलाम
ऐ मेरे सूर्य वीरों तुम्हें सलाम, सलाम तुम्हें सलाम।
सर पर पहन कफन का चोला, साहिल पर चल पड़े हो
आँखों में लेकर देश की भक्ति, सरहद पर तुम खड़े हो
जिस तुफा में कोई न चलता, उस तुफां में चल रहे हो
हर दिन रात सुबह शाम, सरहद से सरहद बदल रहे हो
जिंदगी को खतरे में करके, औरों की जिंदगी बचा रहे हो
आंधी हो चाहे तुफां , तुम दुश्मन से लड़ रहे हो
बर्फीली हवाओं में, बर्फ की चादर ओढ़े हुए हो
सरहद ही तुम्हारा घर है,जीवन सरहद पे बीते
ताला है देश की सरहद, इस ताला के तुम हो चाबी
तुम आवाज हो वतन की, तुम सुबह शाम हो वतन कि
तुम देश के हो देवा,पूजा तुम्हारी होवे
देश है फूलों का बगीचा, माली हो तुम यहाँ के
सरहद तुम्हीं से है सजती संवरती, ये सरहद तुम्हारे नाम
ऐ मेरे वतन के वीरों दिल तुम्हें सलाम, दिल से तुम्हें सलाम।।
संजय कुमार✍️✍️