वीरों अपना धर्म निभाओं
??कविता??
बीरों अपना धर्म निभाओं,
धरती माँ की लाज बचाओं,|
इस धरती ने दिया जीवन,
इसकी तुम ही शान बनाओं,
अपनी धरती माँ के दुश्मनों से टकराओं
धरती माँ को मुक्त कराओ,
जीवन अपना खुशहाल बनाओ,
धरती माँ की लाज बचाओं
इस पर हुआँ जब अतयाचार बास,
तब हुआँ महा ज्ञानी का निवास,|
जब किया अधर्म का विनास,
हुआ तब सत्य का प्रकाश,|
आये यहाँ पर वीर निहारें ,
धरती माँ की गोद में धारें,|
हुआँ इन्हें जब सत्य का ज्ञान,
किया इन्होनें असत्य का विनास,|
वीरों में तब साहस भरजाना ,
करों अधर्म पर अधिक चढ़ाई,|
चाँहे खून पसीना बह जाई,
कर हैं माँ को मुक्त कराई,|
वीरों अपना धर्म निभाओं,
धरती माँ की लाज बचाओं,||
लेखक. Jayvind singh