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20 Apr 2022 · 1 min read

वीरान बचपन

पानी से खेलना
अच्छा लगता है
जिस उम्र में
वो पानी की बाल्टी
घर ला रहा,
अपने नाज़ुक कंधों
पर इतना बड़ा
बोझ वो उठा रहा।
डर नहीं लगता
अंधेरे से भी उसको
दोस्ती जो हो गई है
अब अंधेरे से उसको।
है वो अभी बच्चा
अब याद नहीं है उसको
ज़िंदगी ने जो
जिम्मेदारियों का
बोझ दे दिया है उसको।
अपने मां बाप से
कभी वो खिलौनों की
ज़िद्द नहीं करता
खुश हो जाता है बस
जिस रोज़ भर पेट
भोजन है करता।

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 315 Views
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