विष्णुपद छन्द
विष्णुपद छन्द, प्रथम प्रयास
16,10 यति 26 मात्राएं पदांत 2
देख भिखारी भीख मांगते, हर घर में फिरता।
तब जाके इनके घर में फिर, चूल्हा है जलता।
भिक्षा से ही इनका पूरा, कुनवा है पलता।
इसी तरह से एक भिखारी, का जीवन कटता।
अभिनव मिश्र”अदम्य