विषाद अभिव्यक्ति
जब नाश मनुज पर छाता है ,
पहले विवेक मर जाता है ।
आज सचमुच मानव विवेक मर गया है । सत्ता मौन है , दंड विहीन है , इसीलिए अविवेक का कुठाराघात सहना ही होगा ।
जब नाश मनुज पर छाता है ,
पहले विवेक मर जाता है ।
आज सचमुच मानव विवेक मर गया है । सत्ता मौन है , दंड विहीन है , इसीलिए अविवेक का कुठाराघात सहना ही होगा ।