विषय सूची
अंदाज -ए- बयाँ व शान -ए- सुखन, भर-भर झोली ले आयें।
हम कवि संग शेरो-शायरी कि, मदमस्त सी टोली ले आयें।।
कुछ मुक्तक कुछ छड़िकाएँ, कुछ हास्य-व्यंग्य के छीटे हैं।
कुछ कविताएं प्रेम के जिन्हें, सुनकर प्रेमी छाती पीटे है।।
कुछ इतराती कण्ठवती संग, नामी गामी बड़बोली ले आयें।
हम कवि संग शेरो-शायरी कि, मदमस्त सी टोली ले आयें।।
अंदाज -ए- बयाँ व शान -ए- सुखन, भर-भर झोली ले आयें।
हम कवि संग शेरो-शायरी कि, मदमस्त सी टोली ले आयें।।
पति-पत्नी की नोकझोंक और, नेतागिरी की चन्द लड़ियाँ।
हँसी ठहाके मजेदार संग, कुछ गुदगुदाती सी फुलझड़ियाँ।।
रसगीत मधुर धुन में सुनाने वाले, देखो हमजोली ले आयें।
हम कवि संग शेरो-शायरी कि, मदमस्त सी टोली ले आयें।।
अंदाज -ए- बयाँ व शान -ए- सुखन, भर-भर झोली ले आयें।
हम कवि संग शेरो-शायरी कि, मदमस्त सी टोली ले आयें।।
ओपनिंग होगी तब मस्ती भरी, शब्दों के बॉल जो फेंकेंगे।
सुनने वाले जब सुनेंगे गौर से, तो देखने वाले नज़ारे देखेंगे।।
ताली-वाली बजवाने खातिर, कुछ हँसी-ठिठोली ले आयें।
हम कवि संग शेरो-शायरी कि, मदमस्त सी टोली ले आयें।।
अंदाज -ए- बयाँ व शान -ए- सुखन, भर-भर झोली ले आयें।
हम कवि संग शेरो-शायरी कि, मदमस्त सी टोली ले आयें।।
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित ०३/१२/२०२३)