विषय -शिव शंकर,विधा तांका लेखन
विषय -शिव शंकर
विधा -तांका लेखन
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सावन आया
भोले का गुणगान
हर मंदिर
बैल पत्री चढ़ाऊं
गंगा जल अर्पित।
भोले नाथ को
कांवड़ भक्त लिए
गंगा जल को
भक्त में धरा हुई
बहे भक्त धार है।
भोले बाबा का
नित मंदिर जाके
करना दर्श
सबने हे पुकारा
गूंजा जगत सारा।
जग पालक
जगत नियंता रे
करो उद्धार
आजा प्रभु तू द्वारे
जीवन हो रोशन।।
सुषमा सिंह*उर्मि,,