विषय:- विजयी इतिहास हमारा।
विधा:- गीत(छंद मुक्त)
मुखड़ा
सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
बलिदान हुए कर्तव्य निभाते,शूरवीरों को नमन हमारा।
अंतरा
सूर्य अपना केसरिया रंग आसमां पर छितरा रहा था।
विश्वास स्वयं सविता बनकर,नव अंबर पर छा रहा था।
शहीद हुए सैनिक का गौरव,विजय गीत सुना रहा था।
अंतिम साँस तक लड़ा बांकुरा,आत्म विश्वास नहीं हारा-
मुखड़ा
सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
बलिदान हुए कर्तव्य निभाते, शूरवीरों को नमन हमारा।
अंतरा
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
देश भक्ति की फुंकारों से,लावा बलिदान का वो दहका गया।
करके गया था आने का वादा,वो लिपट तिरंगा ले आ ही गया।
भारत के चौड़े सीने पर चमका तमगा,बन वो शौर्य गाथा न्यारा-
मुखड़ा
सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
बलिदान हुए कर्तव्य निभाते, शूरवीरों को नमन हमारा।
अंतरा
बेटी वसुधा नाम धरो,ग़र पुत्र हो तो वतन नाम शुभ धरना।
अंतिम इच्छा प्राण प्रिया यही,मेरी इच्छा पूरी तुम करना।
गर्व करना बलिदान पर मेरे,तुम प्रिय नीर नयन मत भरना।
शहीद हो,मरने से पहले मैंने दुश्मन को ललकार कर मारा-
सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
बलिदान हुए कर्तव्य निभाते, शूरवीरों को नमन हमारा।
नीलम शर्मा ✍️
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