Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

विषय-मन मेरा बावरा।

विषय-मन मेरा बावरा।

शीर्षक-सच को जानकर भी।

विद्या-कविता।

मन मेरा बावरा ही तो है,
जो सबको अपना मानता है।
सच को जानकर भी,
सच को सपना जानता है।

मन मेरा बावरा सबकी मदद करता,
धोखा खाता है।
दूसरों की भलाई की वजह से,
दुःख का मौका पाता है।

इतना जीवन बीत गया,
पर मन सुलझता नहीं।
सच जानकर भी,
दिमाग से उलझता नहीं।

जिंदगी का सच सामने आता है।
मन मेरा बावरा,न उसे अपनाता है।
रिश्तों के संग धोखा भी आता है।
मन बार-बार तड़प जाता है।

जो रुलाते रहें बनकर परिवार।
मिले उनसे सदैव,दुःखों के उपहार।
उनसे भी मन बावरा करता प्यार।

मन मेरा बावरा है; सच जानकर भी,
अंजान रहना चाहता है।
सूखी प्यार की नदियों में,
बहना चाहता है।
न सुनता कभी कोई मेरी,
पर बावरा मन कहना चाहता है।
न रहे जो कभी संग मेरे,
ऐसे अपनों के संग रहना चाहता है।
मन मेरा बावरा ही तो है,
जो ऐसा ही रहना चाहता है।

प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78
C R

2 Likes · 36 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बिहार में डॉ अम्बेडकर का आगमन : MUSAFIR BAITHA
बिहार में डॉ अम्बेडकर का आगमन : MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
कवि रमेशराज
कैसी लगी है होड़
कैसी लगी है होड़
Sûrëkhâ
"" *सौगात* ""
सुनीलानंद महंत
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
हे प्रभू तुमसे मुझे फिर क्यों गिला हो।
हे प्रभू तुमसे मुझे फिर क्यों गिला हो।
सत्य कुमार प्रेमी
आंखें मूंदे हैं
आंखें मूंदे हैं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
बना देता है बिगड़ी सब, इशारा उसका काफी है (मुक्तक)
बना देता है बिगड़ी सब, इशारा उसका काफी है (मुक्तक)
Ravi Prakash
*मेरे दिल में आ जाना*
*मेरे दिल में आ जाना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
Phool gufran
किसी राह पे मिल भी जाओ मुसाफ़िर बन के,
किसी राह पे मिल भी जाओ मुसाफ़िर बन के,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*
*"रक्षाबन्धन"* *"काँच की चूड़ियाँ"*
Radhakishan R. Mundhra
कागज की कश्ती
कागज की कश्ती
Ritu Asooja
घर एक मंदिर🌷🙏
घर एक मंदिर🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मैं
मैं
Ajay Mishra
3284.*पूर्णिका*
3284.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िन्दगी सोच सोच कर केवल इंतजार में बिता देने का नाम नहीं है
ज़िन्दगी सोच सोच कर केवल इंतजार में बिता देने का नाम नहीं है
Paras Nath Jha
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
parvez khan
नहीं है प्रेम जीवन में
नहीं है प्रेम जीवन में
आनंद प्रवीण
मेरे चेहरे पर मुफलिसी का इस्तेहार लगा है,
मेरे चेहरे पर मुफलिसी का इस्तेहार लगा है,
Lokesh Singh
माँ की चाह
माँ की चाह
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
पहले साहब परेशान थे कि हिन्दू खतरे मे है
पहले साहब परेशान थे कि हिन्दू खतरे मे है
शेखर सिंह
किए जिन्होंने देश हित
किए जिन्होंने देश हित
महेश चन्द्र त्रिपाठी
विधाता छंद
विधाता छंद
डॉ.सीमा अग्रवाल
🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹
🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बरक्कत
बरक्कत
Awadhesh Singh
लड्डू बद्री के ब्याह का
लड्डू बद्री के ब्याह का
Kanchan Khanna
👍👍👍
👍👍👍
*प्रणय प्रभात*
ଅଦିନ ଝଡ
ଅଦିନ ଝଡ
Bidyadhar Mantry
मौसम
मौसम
Monika Verma
Loading...