#विषय उत्साह
#विषय उत्साह
#विधा चौपाई
अति उत्साह देश में भाई।
चहुंओर अब राम दुहाई ।।
राम चन्द्र बैठें सिंहासन ।
राम राज्य सा हो अनुशासन।।
बैर भाव सब त्यागें लोगा।
ईश कृपा आया संयोगा ।।
सब मिल करें राम अभिषेका।
जन्म सफल का अवसर एका।।
निज नयनों देखो प्रभु मंदिर ।
अमर पुरी से लगता सुन्दर ।।
याद उन्हे भी करना भाई।
राम काज हित जान गवाई।।
कार सेवक भाई हमारे ।
उत्साही प्रभु राम दुलारे ।।
जन्म भूमि हित कर संघर्षा।
प्राण दान कीन्हा मन हर्षा।।
सफल आज उनका बलिदाना।
मिला राम को भवन सुहाना ।।
धन्य जन्म उनका भी भाई।
मंदिर हित जो रहे सहाई।।
द्वेष भाव सब छोड़ पुराने ।
राम भजो सब कहत सयाने ।।
अबध पुरी के दर्शन करना ।
प्रेमी बन सीखो जग रहना ।।