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6 Aug 2021 · 2 min read

विषय:हवन/यज्ञ

विषय:हवन/यज्ञ

“मैं यज्ञ की पवित्र अग्नि हूँ, मैं अग्नि हूँ,
करती हूँ मैं नव नित खुद को स्वाहा,
हवन की आहुति बनकर जलती हूँ
सुख, निराशा,दुःख के राख ढेर से,
नव आशा,सुख चैन ले,स्वयं चलती हूँ
मैं यज्ञ की पवित्र अग्नि हूँ, मैं अग्नि हूँ”।

प्राचीनकाल से ही हमारी सनातन संस्कृति में सुख-सौभाग्य के लिए हवन-यज्ञ की परंपरा रही है। यज्ञ को पवित्र माना गया हैं।औषधीय युक्त हवन सामग्री से हवन-यज्ञ करने से पर्यावरण शुद्ध होगा, वहीं वायरस का संक्रमण भी नष्ट हो जाएगा। अनेक वैज्ञानिकों एवं धर्मगुरुओं ने कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए एवं वातावरण की शुद्धि के लिए हवन यज्ञ का अद्भुत लाभ बताया है। जिस स्थान पर हवन किया जाता है, वहां उपस्थित लोगों पर तो उसका सकारात्मक असर पड़ता ही है साथ ही वातावरण में मौजूद रोगाणु और विषाणुओं के नष्ट होने से पर्यावरण भी शुद्ध होता है,शरीर स्वस्थ्य रहता है। क्योंकि हवन में काम में ली जाने वाली जड़ी बूटी युक्त हवन सामग्री, शुद्ध घी, पवित्र वृक्षों की लकड़ियां, कपूर आदि के जलने से उत्पन्न अग्नि और धुएं से वातावरण शुद्ध तो होता ही है,नकारात्मक शक्तियां भी दूर भागती हैं। माना जाता है कि एक बार हवन करने से घर को एक सप्ताह तक किसी प्रकार के वायरस से मुक्त रखा जा सकता है।

हवन से रोगाणु और विषाणु नष्ट होते हैं ग्रंथों में अनेक तरह के यज्ञ और हवन बताए गए हैं, जिनका शुभ प्रभाव न केवल व्यक्ति बल्कि वायुमंडल को भी लाभ पहुंचाता है।

हिन्दू धर्म मे ग्रह दोषों से मुक्तिमिलती है ऐसा भी माना गया हैं ।ग्रंथों में अनेक तरह के यज्ञ और हवन बताए गए हैं, जिनका शुभ प्रभाव न केवल व्यक्ति बल्कि वायुमंडल को भी लाभ पहुंचाता है।यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बैठे ग्रह अशुभ प्रभाव दे रहे हों तो विधि-विधान पूर्वक हवन करते रहने से जल्दी ही ग्रहों के शुभ प्रभाव मिलने लगते हैं। पीड़ा देने वाले ग्रह से संबंधित वार को संकल्प करके ग्यारह या इक्कीस व्रत रखकर उसके उपरांत होम करके पूर्णाहुति देने से रोग, शोक, कष्ट और बाधाओं का निवारण होता है। हवन पूरा होने के बाद श्रद्धानुसार ब्राह्मणों को धन, अन्न, फल, वस्त्र, जीवनोपयोगी वस्तुएं दान करने से ग्रह शांति होती है। वही हवन के समय तांबे के पात्र के जल का आचमन करने से हमारी इंद्रियां सक्रिय हो जाती हैं तथा शरीर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होने तन-मन स्वस्थ्य रहता है।

वास्तु दोषों का होता है निवारण
ग्रंथों में अनेक तरह के यज्ञ और हवन बताए गए हैं, जिनका शुभ प्रभाव न केवल व्यक्ति बल्कि वायुमंडल को भी लाभ पहुंचाता है।तो आइए हम सब इस पध्दति का लाभ उठाएं।

डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 232 Views
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