विषय:माँ के दिल की कोमलता
विषय:माँ के दिल की कोमलता
माँ तूने अपने नाम के साथ
मेरा नाम जोड़ दिया मुझे तूने
जीवनदान दिया अपनी कोमलता
खोकर तूने मुझे जन्म दिया
तुझसा कोई हो नही सकता
माँ मेरी ईश्वर का रूप जो ठहरी
अपने नाम में मेरा नाम जोड़ दिया
तो फिर पराए घर क्यो भेज दिया
अपने कोमल दिल को क्यो
पत्थर माँ रख लिया बोल क्यो
अपने से दिल के टुकड़े को जुदा किया
विदा तो किया मेने बर्दास्त किया
पर अब तू न जाने क्यो रूठ गई मुझसे
अब न जाने क्यों ये रिश्ता तोड़ दिया
दुनिया मे अकेली छोड़ मुझे मुहँ मोड़
चली क्यो गई माँ तेरा कोमल दिल
कठोर क्यो हो गया माँ
चली क्यो गई अब सभी मेरी जिंदगी से हैरत तो तब हुई जब तूने छोड़ दिया
क्यो साथ लेकर नही चली मुझे तू माँ
आज लिखने बैठी दिल का हाल अपने
तो याद तेरी आने लगी माँ फिर से
तेरा जिक्र आया तो बचपन का वो
प्यार आज भी याद आया
तेरा कोमल से दिल न जाने क्यो
कठोर हो गया और तू चली गई
मुझे संसार मे छोड़ अकेली
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद