विश्व रेडियो दिवस
वर्ल्ड रेडियो डे 13 फरवरी ।
कुछ पुरानी यादें प्रस्तुत कर रहा हूं
वो दिन जब हम विविध भारती , बीबीसी एवं एफएम कार्यक्रम हैलो मिथिला के दीवाने थे । क्या गजब दिन थे ।
आज भी याद है जब विविध भारती द्वारा प्रस्तुस कार्यक्रम( हैलो फरमाइश , उजाले उनके यादों के , आज की फनकार एवं हवा महल इत्यादि ) सुनने के लिए रेडियो खोल कर पढ़ने बैठा करते थे । 7.30 बजे बीबीसी का कार्यक्रम दिन भर ,जबर्दस्त प्रस्तुति होती थी। रेहान फ़ज़ल, मणिकांत ठाकुर, अचला शर्मा, मोहन लाल शर्मा, शकुंतला महाजन जादुई आवाज और प्रस्तुति के बेताज बादशाह थे तो वहीं खेल खिलाड़ी में मानक गुप्ता के साथ मलय नीरम मलय की खनकती आवाज और लयबद्ध परिष्कृत हिंदी उत्तेजना का पुट डालकर जब प्रस्तुति देते थे तो मानो क्रिकेट आंखों देखी बन जाती थी । बहुत सारे और बीबीसी संवाददाता थे जिसमें यूपी से तिवारी जी पटना से मणिकांत ठाकुर आदि सब एक से बढ़कर एक थे। ठंड के मौसम में पढ़ने के बाद और रात के खाने से ठीक पहले और 8.45 के मुख्य समाचार से पहले विविध भारती की प्रस्तुति ‘हवा महल’ खासकर ठंड के मौसम में घुड़ा (अलाव) तापते हुए वाह क्या कहने । वहीं हर शनिवार को नेपाली एफएम रेडियो की प्रस्तुति हैलो मिथिला जिसमे मैथिली कार्यक्रम के साथ मैथिली गीतों का आनंद वाह वसंत के मौसम में मजा आ जाता था । काश वो दिन फिर लौट आए । मैने बहुत कुछ समय अभाव और लेख के लंबा हो जाने के कारण नहीं लिख पाया । लेकिन जितना भी लिखा यदि आप सबों को वो दिन याद दिलाने में सफल हो पाया तो कमेंट जरुर करें ।
विमल